कुछ दिन पूर्व सर्किल जेल के सामने पेड़ की टहनी(डाली) गिरने से घायल युवक की इलाज के दौरान हुई मौत.. देखें वीडियो
News-ratlam-letestnews-Hindinews-breaking-news-ratlamnews-tree-RatlamNagarNigam-death-accident-crimenews

रतलाम/ D I T NEWS :- कुछ दिन पूर्व (बीते शुक्रवार) करीब दोपहर 2 बजे जिला अस्पताल के पास उप जेल के सामने पेड़ की टहनी (डाली) गिरने से मिस्त्री मोहम्मद इसराइल उम्र 45 पिता मोहम्मद स्माइल उर्फ छप्पू ठेकेदार निवासी हाट रोड़ मदीना मस्जिद, गंभीर जख्मी हो गए थे। दो दिन अहमदाबाद में इलाज के बाद इनकी मृत्यु हो गई। सवाल यह कि मोहम्मद इसराइल की मौत का जिम्मेदार कौन?
बीते शुक्रवार को मोहम्मद इसराइल बीते शुक्रवार को मकान बनाने की साइड देखने दिलीप नगर गए थे। वहां से दोपहर 2 बजे के आसपास लौट रहे थे। रास्ते में जिला अस्पताल के पास जेल के सामने पेड़ की टहनी टूटकर उनके ऊपर गिर गई। इससे उनके सिर, बाएं कंधे, हाथ की कलाई, पैर और भौंह के पास चोट लगी थी। आसपास के लोगों ने जिला अस्पताल में भर्ती करवाया था। गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें अहमदाबाद रेफर कर दिया गया था।
जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही बन रही मौत का कारण....
इस मामले में निगम के जिम्मेदार अधिकारियों की साफ साफ लापरवाही ही सामने है। यू तो निगम द्वारा निगम के सामने ही हरे भरे अच्छे भले पेड़ों को काटकर उसमें बने पक्षियों का घर भी उजाड़ दिया था। लेकिन शहर में कई ऐसे पेड़ है जो पुराने हो कर उनकी डालियां आए दिन सड़क तक फैल रही है और टूट कर सड़को पर गिरती रहती है। शायद जिम्मेदारों को किसी बड़ी घटना होने का इंतजार हमेशा रहता है, इसके बाद ही जिम्मेदार अधिकारियों जागते है। बड़ी लापरवाही से एक परिवार का सदस्य छीन गया। साफ सफाई के नाम पर केवल ढकोसले दिए जाते है। ऐसे लापरवाह अधिकारियों पर सख्त करवाई होनी चाहिए। निगम के उद्यान विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की घोर लापरवाही सामने आती है।
जहां प्रशासनिक अधिकारियों के बंगले वहां ढेर सारी मोटी - मोटी टहनियां सड़क को घेरे हुए.....
शहर में ऐसे कई इलाके है जहां इस तरह पेड़ों की बड़ी और मोटी टहनियां झूल रही है। इसका सीधा उदाहरण वीआईपी रोड याने ऑफिसर कॉलोनी में देखने को मिल जाएगा। जो इस तरह के पेड़ सड़क तक फैले हुए है। इस रोड से कई जिम्मेदार अधिकारी खास तौर पर खुद कलेक्टर, एडीएम एसपी महोदय खुद यहां से गुजरते है लेकिन किसी का भी इस ओर ध्यान नहीं जाता है। ऑफिसर कॉलोनी रोड़ (वीआईपी कॉलोनी) वीआईपी लगती ही नहीं है, सैकड़ा रोड़, स्पीडब्रेकर भी केवल रस्म अदायगी के लिए बनाए जो अधूरे है। कचरा तक फैला रहता। आखिर कब समझेंगे अधिकारी अपनी जवाबदारी।
Advertisement.....